विवेक अग्निहोत्री का बॉलीवुड पर तंज: ‘इंडस्ट्री में गिरावट, नया टैलेंट नहीं, बस हेरफेर और भ्रष्टाचार!’
फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री अक्सर बॉलीवुड को लेकर अपनी बेबाक राय साझा करते हैं। हाल ही में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में मौजूद चुनौतियों और बदलावों पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने नई पीढ़ी के सितारों पर निराशा जताते हुए कहा कि बॉलीवुड लगातार गिरावट की ओर बढ़ रहा है।
अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर उन्होंने लिखा कि इंडस्ट्री आज नए विचारों, क्रिएटिव निर्देशकों और फिल्म निर्माण के प्रति जुनून रखने वाले लोगों की कमी से जूझ रही है। बॉलीवुड की मौजूदा स्थिति को वह जरूरी बदलाव का संकेत मानते हैं। उन्होंने कहा, “नई इमारत खड़ी करने के लिए पुरानी को गिराना पड़ता है, और यही सही समय है।”
अग्निहोत्री ने दावा किया कि आज बॉलीवुड में शायद ही कोई स्वतंत्र निर्माता बचा है। नए विचार, नई रणनीति और नए प्रोड्यूसर्स की भारी कमी है। जहां पहले दर्जनों स्टूडियो थे, अब केवल दो-तीन ही बचे हैं, और वे भी फिल्मों के बजाय अन्य उद्देश्यों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने इंडस्ट्री पर आरोप लगाया कि सिनेमा के प्रति जुनून को अब कॉर्पोरेट लालच और एजेंडा-प्रेरित कंटेंट ने निगल लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय में बॉलीवुड में कोई दमदार नया सितारा नहीं है। 21 से 35 वर्ष की उम्र के बीच के ऐसे बहुत कम अभिनेता हैं, जो हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ रखते हों, शानदार अभिनय कर सकते हों, और खुद को पूरी तरह अपने काम में झोंक दें। बल्कि, जो नए चेहरे सामने आ रहे हैं, वे अपनी कला से अधिक इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया पर ध्यान देते हैं। इतना ही नहीं, इंडस्ट्री में बाहरी और अनजान कलाकारों को स्वीकार करने की बजाय, स्थापित ग्रुप्स और उनके नेटवर्क को ही बढ़ावा दिया जा रहा है।
बॉक्स ऑफिस की स्थिति पर भी अग्निहोत्री ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बॉक्स ऑफिस किसी फिल्म की असली परीक्षा हुआ करता था, लेकिन अब यह पूरी तरह से हेरफेर और धोखे से भरा हुआ है। “कोई भी फिल्म मनचाहे आंकड़े प्रकाशित कर सकती है, मुफ्त टिकट बांट सकती है, कॉर्पोरेट बुकिंग कर सकती है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स में हेरफेर कर सकती है। अब कोई वास्तविक आलोचक नहीं हैं, कोई असली फिल्म पत्रिकाएं नहीं बची हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि इंडस्ट्री में भ्रष्टाचार चरम पर है, और जिन लोगों ने यह भ्रष्ट सिस्टम खड़ा किया है, अब वे खुद को पीड़ित बताने में लगे हैं। “अब वही लोग इस सिस्टम के शिकार हो रहे हैं, जिसे उन्होंने खुद बनाया था। लेकिन मैं खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि यह सिस्टम उन्हें पूरी तरह खत्म कर देगा, ताकि वे फिर से जन्म लें – इस बार एक सच्चे फिल्म निर्माता के रूप में, न कि राक्षस-निर्माताओं के रूप में।”
अग्निहोत्री ने अपनी आगामी फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी टीम में छोटे शहरों से आए टैलेंटेड युवा शामिल हैं, जो भविष्य में बेहतरीन फिल्में बनाएंगे। उन्होंने नए कहानीकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “अगर आप एक मध्यम वर्गीय, छोटे शहर के युवा हैं और अपनी कला के लिए पूरी तरह समर्पित हैं, तो यही आपका समय है। यही सही समय है!”