संजय दत्त बॉलीवुड के हैंडसम हंक थे, और जब उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, तो लड़कियां उनकी दीवानी हो गईं। कई एक्ट्रेसेज के साथ उनका नाम जुड़ा, और खुद संजय ने भी कई बार माना कि उनका कई महिलाओं के साथ अफेयर रहा। संजय दत्त पर बनी फिल्म ‘संजू’ में उनके मनमौजी अंदाज को दिखाया गया है। मान्यता से शादी करने से पहले उनकी दो शादियां हो चुकी थीं, लेकिन मान्यता के जीवन में आने के बाद संजय पूरी तरह से बदल गए। अब वह एक जिम्मेदार पति और प्यारे बच्चों के देखभाल करने वाले पिता के रूप में नजर आते हैं।
जिंदगी में कैसे आईं मान्यता
संजय दत्त बचपन से ही लग्जरी लाइफ जीते आए हैं, और उनके आस-पास के लोग भी इसका पूरा फायदा उठाते थे। नादिया दुर्रानी, जिनके साथ संजय रिलेशनशिप में थे, भी इस सुख-सुविधाओं का आनंद ले रही थीं। लेकिन मान्यता इससे बिल्कुल अलग थीं। वह संजय का ख्याल रखने वाली, उनके लिए खाना बनाने वाली और उन्हें संभालने वाली महिला थीं। यही वजह रही कि संजय उनके करीब आए। मान्यता ने ही संजय के दिल पर राज किया और वह हमेशा संजय के लिए प्रोटेक्टिव रही हैं। वह अक्सर सेट पर उनके लिए उनका पसंदीदा खाना लेकर आती थीं और उनके निजी और पेशेवर मामलों का ख्याल रखती थीं।
संजय के प्रति प्रोटेक्टिव व्यवहार
अपने प्रोटेक्टिव व्यवहार को लेकर मान्यता ने 2009 में इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “जहां ताकत होती है, वहां बहुत सी साजिशें भी चलती रहती हैं। और सच तो यह है कि संजू बहुत शक्तिशाली है। उसके इर्द-गिर्द कई लोग थे जो उसका इस्तेमाल करना चाहते थे। मैंने संजू की जिंदगी में एक बैरिकेड की तरह काम किया और उसे इन लोगों से बचाया। स्वाभाविक रूप से, ये अच्छे-बुरे दोस्त मुझसे नाराज हो गए। मैंने उनकी पार्टी खराब कर दी।”
2 साल की डेटिंग के बाद शादी
मान्यता और संजय दत्त ने दो साल तक डेटिंग के बाद 7 फरवरी, 2008 को गोवा के ताज एक्सोटिका में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की। इस शादी की खबर आते ही कई अफवाहें फैल गईं, लेकिन नवविवाहित जोड़े ने इन्हें पूरी तरह नजरअंदाज किया। शादी के बाद मान्यता ने कहा, “मैं कभी इतनी खुश नहीं रही। संजू ने हर अच्छे-बुरे समय में मेरा साथ दिया है। मैं उसे नौ सालों से जानती हूं। हमने 2005 में गंभीरता से डेट करना शुरू किया था, और वह मेरा अतीत जानता था। जब ‘दोस्तों’ ने उसे भड़काने की कोशिश की, तो उसने हंसकर टाल दिया। वह मेरे बारे में सब कुछ जानता था। जब मैं अपनी शादी से पहले नरक से गुजर रही थी, तो मैंने फोन उठाया और उससे मदद मांगी। हम दोनों बहुत सकारात्मक लोग हैं और हमें जीना और जीने देना पसंद है। हम माफी में विश्वास रखते हैं, और हमें लगता है कि हर संत का अतीत हो सकता है और हर पापी का भविष्य।”