बॉलीवुड में कई फिल्में हैं जो हमारे सैनिकों के साहस और शौर्य को सलाम करती हैं, साथ ही भारत की जंग में जीत का गौरवपूर्ण इतिहास भी दिखाती हैं। ऐसी ही एक फिल्म थी बॉर्डर, जो 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध पर आधारित थी। अगर आपने यह फिल्म देखी है, तो उसमें एक खास सीन जरूर याद होगा, जिसमें रेगिस्तान में स्थित एक मंदिर दिखाया गया है। इस मंदिर के आसपास बम गिरते हैं, लेकिन मंदिर को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता।
तनोट माता का मंदिर
बॉर्डर मूवी जैसलमेर और उसके आसपास की सीमा पर हुए युद्ध को दर्शाती है। फिल्म के एक सीन में पाकिस्तान बिना चेतावनी के गोलाबारी करता है, और भारतीय सैनिक गांववासियों को बचाते हुए हमले का मुकाबला करते हैं। इसी दौरान कुछ सैनिक चौंकते हुए कहते हैं कि दुश्मन ने बिना किसी सूचना के हमला किया है, और फिर सुनील शेट्टी का किरदार कहता है, “माता के मंदिर को वो छू भी नहीं सके।” यह मंदिर असल में जैसलमेर के तनोट माता का मंदिर है, जो प्राचीन और ऐतिहासिक माना जाता है।
दो युद्धों का गवाह मंदिर
तनोट माता का मंदिर 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों का गवाह रहा है। स्थानीय लोग कहते हैं कि इस मंदिर पर करीब 450 बम गिरने के बावजूद मंदिर को कोई भी क्षति नहीं पहुंची। यह मंदिर हिंदू आस्थावान लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
1997 में आई थी फिल्म
बॉर्डर फिल्म 1997 में रिलीज हुई थी, जिसका निर्देशन जेपी दत्ता ने किया था। इस फिल्म में सनी देओल, जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, पुनीत इस्सर और सुदेश बेरी प्रमुख भूमिका में थे।