सोमवार, मई 12, 2025

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धर्मेंद्र ने मनोज कुमार को याद कर किया भावुक खुलासा, बोले- तू चला गया और मुझे अकेला छोड़ गया

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार के निधन से इंडस्ट्री को गहरा सदमा लगा है। पूरे एंटरटेनमेंट जगत में शोक की लहर है। इस मौके पर उनके भाई मनीष गोस्वामी ने मनोज कुमार की जिंदगी, करियर और विरासत से जुड़ी कई यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि मनोज कुमार और धर्मेंद्र ने अपने संघर्ष के दिनों में एक-दूसरे का साथ कैसे निभाया। दोनों इतने करीबी थे कि कपड़े तक साझा करते थे। मनीष ने यह भी खुलासा किया कि एक समय ऐसा भी आया था जब दोनों को लगने लगा था कि फिल्म इंडस्ट्री में उनका भविष्य नहीं है, और उन्होंने अपने-अपने गांव लौटने का फैसला तक कर लिया था।

विक्की लालवानी को दिए एक इंटरव्यू में मनीष ने बताया कि मनोज कुमार और धर्मेंद्र रंजीत स्टूडियो में एक साथ संघर्ष करते थे। एक बार काम नहीं मिलने पर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने की बात तक सोच ली थी। बाद में दोनों ने ‘शादी’ (1962) और ‘मेरा नाम जोकर’ (1970) जैसी फिल्मों में साथ काम किया, जो आज क्लासिक मानी जाती हैं।

धर्मेंद्र और मनोज कुमार की दोस्ती पर बात करते हुए मनीष ने कहा कि वे एक-दूसरे को बेहद अच्छी तरह जानते थे। धर्मेंद्र उन्हें ‘हरी’ कहकर पुकारते थे, कभी उनके स्टेज नाम का इस्तेमाल नहीं करते थे। प्रेयर मीट में जब धर्मेंद्र पहुंचे, तो भावुक होकर बोले, “हरी, तू चला गया मुझे छोड़कर…” दोनों की दोस्ती सिर्फ स्क्रीन तक सीमित नहीं थी, वे प्राण, प्रेम चोपड़ा और कामिनी कौशल जैसे अन्य दिग्गजों के भी बेहद करीब थे।

मनीष ने यह भी बताया कि इंडस्ट्री में मनोज कुमार को कितनी इज्जत दी जाती थी। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अगर वे कभी देर से सेट पर आते थे, तब भी मनोज कुमार उन्हें डांटते नहीं थे। सायरा बानो ने याद किया कि ‘पूरब और पश्चिम’ को मनोज कुमार ने बंद करने का फैसला कर लिया था, जब वे फिल्म में काम नहीं कर रही थीं। इसके बावजूद मनोज कुमार एक बेहद धैर्यवान और प्रोफेशनल फिल्ममेकर रहे। उन्होंने कभी सेट पर गुस्सा नहीं किया, चाहे एक्टिंग परफॉर्मेंस कमजोर हो या प्रोडक्शन में कोई परेशानी आ रही हो।

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