हिंदी सिनेमा में चाइल्ड एक्टर्स की अहम भूमिका रही है, जिन्होंने अपनी मासूमियत और अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है। इन्हीं में से एक थे सचिन पिलगांवकर, जिन्होंने 1967 में रिलीज़ हुई ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म मझली दीदी में मीना कुमारी के मुंहबोले भाई ‘किशन’ का किरदार निभाया था। शुरू में वह डायरेक्टर की पहली पसंद नहीं थे, लेकिन मीना कुमारी की सिफारिश पर उन्हें ऑडिशन के लिए बुलाया गया। ऑडिशन के पहले ही शॉट में सचिन ने सबको प्रभावित कर लिया और उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए चुन लिया गया।
मीना कुमारी न सिर्फ उन्हें अपनी गाड़ी से सेट पर बुलवाती थीं, बल्कि उन्हें उर्दू भी सिखाया करती थीं। शूटिंग के दौरान वह सचिन को बेटे जैसा प्यार देती थीं और उनके अभिनय को निखारने में मदद करती थीं। फिल्म में सचिन की एक्टिंग इतनी दमदार थी कि उन्होंने धर्मेंद्र जैसे स्थापित कलाकारों के बीच अपनी खास पहचान बना ली और महज 10 साल की उम्र में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया।
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सालों बाद, सचिन ने मीना कुमारी के साथ अपने रिश्ते को याद करते हुए कहा था, “मीना आपा ने ही डायरेक्टर से कहा था कि मुझे उस रोल में लिया जाए। उनकी बदौलत मुझे वह मौका मिला, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी।” उन्होंने बताया कि मीना कुमारी बच्चों से बेहद प्यार करती थीं और उन्होंने उन्हें हमेशा मां जैसी ममता दी।