बॉलीवुड एक्टर और फिल्म निर्माता कमाल आर खान, उर्फ केआरके, अक्सर अपने सोशल मीडिया पोस्ट के कारण कानूनी विवादों में फंस जाते हैं। अब उन्होंने एक आठ साल पुराने मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। यह मामला तमिल सुपरस्टार धनुष के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने से संबंधित है। 2017 में केआरके के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी, और अब उन्होंने हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामले को रद्द किया जाए। उनकी वकील, ‘बिग बॉस’ फेम सना रईस खान, ने सोमवार को बताया कि वे अदालत से जल्द सुनवाई की मांग करेंगी।
केआरके ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है। उनका कहना है कि यह मामला एक गैर-पीड़ित पक्ष द्वारा दायर किया गया था और जांच में 7 साल की देरी हुई है।
2017 के उस विवादित ट्वीट में केआरके ने सवाल उठाया था कि कोई भी महिला धनुष को उसे छूने की अनुमति कैसे दे सकती है। इसके बाद केआरके के खिलाफ ‘महिला की गरिमा का अपमान’ और को-स्टार के साथ धनुष की कथित अश्लील तस्वीर शेयर करने के आरोप में FIR दर्ज की गई थी।
केआरके ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा कि इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें 2020 में ही इस FIR के बारे में सूचित किया गया था, जबकि यह 2017 में दर्ज हुई थी। 7 साल बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं की गई। केआरके ने आरोप लगाया कि उन्हें इस मामले में जानबूझकर फंसाया गया है और कहा, “मुझे बलि का बकरा बनाया गया है।”
याचिका में उन्होंने FIR की वैधता पर भी सवाल उठाया है। उनका कहना है कि जिन धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई, वे उनके मामले पर लागू नहीं होतीं। केआरके के अनुसार, ‘महिला की गरिमा का अपमान’ से संबंधित FIR केवल पीड़ित महिला या उसके करीबी रिश्तेदार द्वारा दायर की जा सकती थी, लेकिन यह FIR एक गैर-पीड़ित व्यक्ति ने दायर की, जो इसे कानूनी रूप से अवैध बनाता है।
भारत के संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए, केआरके ने दावा किया कि उनका कथित ट्वीट आपराधिक नहीं है। उन्होंने मामले में इतनी लंबी देरी और सबूतों के अभाव का उल्लेख करते हुए अदालत से FIR और संबंधित कार्रवाई रद्द करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने इस मामले के सुलझने तक उनके खिलाफ सभी कानूनी कार्रवाई पर रोक लगाने की भी मांग की है।