शनिवार, मई 10, 2025

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“हर सीरीज ‘पंचायत’ जैसी नहीं हो सकती, जानें कैसी है प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘ग्राम चिकित्सालय’ – पढ़ें रिव्यू”

प्राइम वीडियो, टीवीएफ के साथ मिलकर ओटीटी की दुनिया में एक नई दिशा लाने की कोशिश कर रहा है, जहां पर गांव और देहात की कहानियां दिखाई जाती हैं, जो अब तक टीवी और बॉलीवुड से काफी दूर हो चुकी हैं। टीवीएफ हमेशा ऐसी कहानियां लेकर आता है जो ग्रामीण जीवन से जुड़ी होती हैं, और इसकी सबसे बड़ी मिसाल ‘पंचायत’ रही है। पंचायत की मासूमियत, चालाकियां और दिलों को छू लेने वाली कहानी ने दर्शकों को खूब आकर्षित किया। इसके बाद टीवीएफ ने ‘दुपहिया’ और अब ‘ग्राम चिकित्सालय’ लाया है। हालांकि, इस बार ‘ग्राम चिकित्सालय’ कुछ खास नहीं कर पाई और इसे पंचायत जैसी सफलता नहीं मिल पाई।

‘ग्राम चिकित्सालय’ की कहानी भटकंडी गांव के पब्लिक हेल्थ सेंटर की है, जहां ग्रामीण जीवन की झलक और स्वास्थ्य केंद्रों की दुर्दशा को सही तरीके से दर्शाया गया है। साथ ही झोला छाप डॉक्टरों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, यह वेब सीरीज अपने उद्देश्य को पूरी तरह से नहीं निभा पाई। टीवीएफ की कहानियां हमेशा दिल से जुड़ी होती हैं, लेकिन ‘ग्राम चिकित्सालय’ में वह कनेक्शन और पैनेपन की कमी महसूस होती है।

सीरीज की कहानी अच्छी हो सकती थी, लेकिन इसका निर्माण और निर्देशन इसे एक सामान्य वेब सीरीज बना देता है। गांव का माहौल और देहाती भाषा तो है, लेकिन कहीं ना कहीं निर्देशक स्पष्ट नहीं होते कि वह क्या दिखाना चाहते हैं—क्या एमबीबीएस डॉक्टर को प्रमुख बनाना है या झोला छाप डॉक्टर के प्रति सहानुभूति जतानी है।

वर्डिक्ट:
‘ग्राम चिकित्सालय’ में अच्छे विषय और विचार हैं, लेकिन ये कनेक्शन बनाने में असफल रही है। पात्रों के साथ जुड़ाव नहीं हो पाता, और कुछ सीन जैसे शोक के मौके पर गाने का दृश्य भी असमंजस पैदा करते हैं। कुल मिलाकर यह एक कमजोर वेब सीरीज है जो शुरू तो उम्मीद के साथ होती है, लेकिन अंत में निराश करती है।

रेटिंग: 2/5 स्टार
कलाकार: विनय पाठक, अमोल पाराशर, आकांक्षा रंजन कपूर, परितोष तिवारी
प्रोग्राम क्रिएटर: दीपक कुमार मिश्रा
ओटीटी: प्राइम वीडियो

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