मनोज कुमार और आशा पारेख: दोस्ती, दूरियां और फिर दोबारा जुड़ाव की कहानी
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर, लेखक और निर्देशक मनोज कुमार को उनके देशभक्ति से भरे सिनेमा और दमदार डायलॉग्स के लिए याद किया जाता है। इंडस्ट्री में उन्होंने न सिर्फ एक अलग पहचान बनाई, बल्कि लोग उन्हें आज भी प्यार से “भारत कुमार” के नाम से जानते हैं। मनोज कुमार ने 1957 में एक फैशन ब्रांड के जरिए स्क्रीन डेब्यू किया था, और 1958 की फिल्म सहारा में एक छोटे किरदार के साथ बड़े पर्दे की ओर कदम बढ़ाया। दो साल बाद कांच की गुड़िया में वे पहली बार बतौर हीरो नजर आए।
उन दिनों की खूबसूरत और लोकप्रिय एक्ट्रेस आशा पारेख ने मनोज कुमार के साथ कई फिल्मों में काम किया। हालांकि दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री शानदार रही, लेकिन कैमरे के पीछे उनका रिश्ता हमेशा सहज नहीं रहा। 1950 के दशक में जब दोनों ने एक साथ काम करना शुरू किया, तो आशा पारेख इंडस्ट्री में पहले से ही नाम कमा चुकी थीं, जबकि मनोज कुमार थोड़ा पीछे थे। इसके बावजूद आशा पारेख ने न केवल उनके साथ काम करना चाहा, बल्कि उन्हें कई बार आगे बढ़ने में भी मदद की।
1962 की फिल्म अपना बनाकर देखो में आशा ने मनोज कुमार को बतौर हीरो चुना, जबकि उस समय वह ज्यादा मशहूर नहीं थे। कहा जाता है कि आशा उन्हें न केवल अभिनय बल्कि लेखन और निर्देशन के लिए भी प्रेरित करती थीं। दो बदन (1966) की सफलता के बाद मनोज कुमार ने फिल्म अपना बना के देखो बनाने का फैसला किया, जिसमें उन्होंने फिर से आशा को लीड रोल में लिया। लेकिन इस फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच अनबन हो गई और उन्होंने एक-दूसरे से बात करना बंद कर दिया। इसका असर फिल्म के प्रीमियर पर भी दिखा, जहां आशा पारेख नजर नहीं आईं।
कुछ सालों बाद दोनों ने 1969 की फिल्म साजन में साथ काम किया, और इस दौरान उनकी दोस्ती फिर से पटरी पर आ गई। सबसे भावुक पल तब आया जब 2012 में आशा पारेख के 70वें जन्मदिन पर मनोज कुमार ने सार्वजनिक रूप से उनका हाथ थामा। यह इसलिए भी खास था क्योंकि मनोज कुमार अपनी पत्नी शशि के सम्मान में हमेशा अपनी हीरोइनों से प्रोफेशनल दूरी बनाए रखते थे।
उनके रिश्ते में चाहे जितने भी उतार-चढ़ाव आए हों, लेकिन आशा पारेख हमेशा मनोज कुमार और उनकी पत्नी शशि की सबसे करीबी दोस्त बनी रहीं। 2017 में एक इंटरव्यू में मनोज कुमार ने भावुक होकर कहा था, “सिर्फ आशा ही थीं जिन्होंने मेरी शादी वाले दिन मुझे दिल्ली में कॉल कर मुंबई में डिनर के लिए बुलाया। मेरी वाइफ और वो आज भी बहुत अच्छी दोस्त हैं। आशा मेरे लिए परिवार जैसी हैं।”