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बॉलीवुड के पतन पर विवेक अग्निहोत्री का तंज – “नई इमारत के लिए पुरानी का गिरना जरूरी

विवेक अग्निहोत्री अपने बेबाक और निष्पक्ष बयानों के लिए मशहूर हैं। ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी हिट फिल्म बनाने के बाद अब वह अपनी अगली फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स: द बंगाल चैप्टर’ की रिलीज़ का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच उन्होंने बॉलीवुड को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की और सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट साझा किया। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड अब ढह रहा है, और यह इंडस्ट्री के लिए अच्छा है।

“नई इमारत बनाने के लिए पुरानी को गिराना ज़रूरी”
विवेक अग्निहोत्री ने X पर लिखा, “बॉलीवुड ढह रहा है, और इससे बेहतर बात और क्या हो सकती है? यह इंडस्ट्री अब खस्ताहाल हो चुकी है, और यह बदलाव के लिए ज़रूरी है। अगर एक नई और मज़बूत नींव रखनी है, तो पुरानी इमारत को गिराना ही पड़ेगा। अब यही समय है।”


“न नए प्रोड्यूसर्स हैं, न नए आइडियाज”
उन्होंने आगे लिखा, “आज बॉलीवुड में शायद ही कोई इंडिपेंडेंट प्रोड्यूसर बचा है। न कोई नया निर्माता है, न ही कोई ताज़ा आइडिया। यहां तक कि कोई ठोस रणनीति या मार्केटिंग प्लान भी नहीं दिखता। पहले कई स्टूडियोज़ हुआ करते थे, लेकिन अब सिर्फ दो-तीन ही बचे हैं, और वे भी मोनोपॉली चला रहे हैं। सिनेमा के प्रति जो जुनून था, उसकी जगह अब कॉरपोरेट लालच और एजेंडा-चालित कंटेंट ने ले ली है।”

“पुरानी फिल्मों की री-रिलीज़ का दौर”
विवेक ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि नई फिल्मों की कमी के चलते बॉलीवुड अब पुरानी फिल्मों को दोबारा रिलीज़ करने की होड़ में लग गया है। उन्होंने कहा, “आज बॉलीवुड में कोई नई फिल्में नहीं बन रहीं, इसलिए पुरानी फिल्मों की री-रिलीज़ पर ज़ोर दिया जा रहा है। जो डायरेक्टर्स बदलाव ला सकते थे, उन्होंने हालात से समझौता कर लिया है और ओटीटी के आगे घुटने टेक दिए हैं।”

“नए सितारों की कमी”
उन्होंने आगे लिखा, “फिल्म इंडस्ट्री को ज़िंदा रखने के लिए स्टार्स ज़रूरी हैं, लेकिन अब कोई भी नया और होनहार सितारा नज़र नहीं आ रहा। 21 से 35 वर्ष की उम्र के कलाकारों की बात करें, तो मुश्किल से ही कोई ढूंढने को मिलेगा—न ही कोई दमदार हीरो है, न कोई प्रभावशाली हीरोइन। जो कुछ नाम हैं, वे न हिंदी सही से बोल पाते हैं, न अभिनय में भाव दिखा सकते हैं। वे अपने करियर से ज़्यादा इंस्टाग्राम में रुचि रखते हैं और बिना कोई बड़ी उपलब्धि हासिल किए लंबी-चौड़ी टीम लेकर चलते हैं।”

“अब वही लोग पीड़ित बनने का नाटक कर रहे हैं”
अग्निहोत्री ने अपनी पोस्ट के अंत में लिखा, “जो लोग इस इंडस्ट्री में भ्रष्ट तंत्र का हिस्सा थे, वही अब खुद को पीड़ित बता रहे हैं। लेकिन उन्होंने जो राक्षस बनाया था, वह अब उन्हें ही निगलने के लिए तैयार है। और मैं इस पर खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि यह बदलाव लाएगा। यह इंडस्ट्री तब तक सही रास्ते पर नहीं आएगी, जब तक कि यह खुद को पुनर्जीवित न करे—इस बार सच्चे फिल्म निर्माताओं के रूप में, न कि राक्षसों को जन्म देने वाले लोगों के रूप में।”

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