आमिर खान के को-स्टार विपिन शर्मा ने किए संघर्ष के दिन याद, बोले – रेल टिकट के लिए नहीं थे 10 रुपये, फिर कनाडा जाकर काटा मांस
हिंदी सिनेमा के चुनिंदा मेथड एक्टर्स में शुमार विपिन शर्मा ने अपने अभिनय से हर बार दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। तारे ज़मीन पर में दर्शील सफारी के सख्त पिता की भूमिका निभाने वाले विपिन की शुरुआत 1989 में दूरदर्शन के लोकप्रिय शो भारत एक खोज से हुई थी। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कमर्शियल और नॉन-कमर्शियल दोनों ही तरह की फिल्मों में शानदार काम किया। लेकिन उनके करियर का सफर उतना आसान नहीं रहा।
हाल ही में द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में विपिन ने अपने संघर्ष भरे दिनों को याद करते हुए कई अनसुने किस्से साझा किए। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा आया जब वे एक्टिंग छोड़कर कनाडा जाकर सेटल होने का सोच चुके थे। वहां के शांत और हरे-भरे माहौल में एक नई शुरुआत करना चाहते थे। उन्होंने बताया कि कनाडा में एक वर्कशॉप के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि एक्टिंग ही उनकी सच्ची पहचान है। विपिन ने कहा, “उस वर्कशॉप के बाद मैंने अपना सारा सामान टोरंटो की एक सड़क पर फेंका, इंडिया की टिकट खरीदी और वापस लौट आया।”
विपिन ने बताया कि कनाडा जाने के पीछे की वजहें भी उनके अंदर के असंतोष और गुस्से से जुड़ी थीं। वे सिस्टम से नाराज़ रहते थे, समाज के प्रति उनके सवाल थे। उन्होंने एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि एक बार ट्रेन में जब उनके पास स्लीपर बर्थ की टिकट खरीदने के लिए 10 रुपये नहीं थे, तो उन्हें यह कहकर ट्रेन से उतार दिया गया कि “जब टिकट नहीं खरीद सकते तो सफर का हक नहीं रखते।”
कनाडा में रहते वक्त उन्होंने एक आयरिश रेस्टोरेंट में काम किया, जहां उन्हें कच्चा मांस धोना और काटना पड़ता था—जबकि वे खुद शाकाहारी हैं। विपिन कहते हैं, “मैं भगवान से पूछता था कि क्या यही मेरे लिए तय किया है? लेकिन अगले ही दिन मुझे टोरंटो के एक बड़े चैनल में एडिटिंग की नौकरी मिल गई।”
उनकी ये कहानी बताती है कि सफलता के पीछे कितनी जद्दोजहद और आत्ममंथन छुपा होता है। विपिन शर्मा का सफर वाकई एक फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं।