स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने तीन साल पहले दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी मधुर आवाज और अमर गीत आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं। उन्होंने भारत की लगभग हर भाषा में अपनी आवाज का जादू बिखेरा और भारतीय संगीत की विरासत का अहम हिस्सा बनीं। लता जी, जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया था, ने अपने गायन की शुरुआत बचपन में ही की थी और स्कूल में गाने की शुरुआत की थी। उनकी गायकी की यात्रा ने उन्हें संगीत की दुनिया में अद्वितीय स्थान दिलाया।
सिर्फ लता जी ही नहीं, उनकी छोटी बहनें आशा और उषा भी संगीत की दुनिया में प्रमुख नाम बन चुकी थीं। एक समय ऐसा आया जब लता जी और आशा जी के बीच मतभेदों की अफवाहें उड़ीं। इस पर जब लता जी से सवाल किया गया, तो उन्होंने करारा जवाब दिया।
पूर्व पत्रकार राजीव शुक्ला ने लता जी से उनके रिश्ते के बारे में पूछा और यह सवाल किया कि क्या उन्होंने अपनी बहन आशा को आगे बढ़ने नहीं दिया। लता जी ने कहा, “अगर मैंने आशा को बढ़ने नहीं दिया होता तो क्या आज वह इतनी बड़ी सिंगर होतीं? दरअसल, वह हमारे साथ ज्यादा समय नहीं रही और शादी के बाद वह स्टार सिंगर बनीं।”
जब राजीव शुक्ला ने उन्हें बताया कि इस रिश्ते पर आधारित एक फिल्म बनी है, तो लता जी ने कहा कि लोग भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह सब गलत था।
लता जी ने आगे कहा, “मेरा और आशा का गाने का तरीका अलग था। आशा जी ने बहुत से हिट गाने दिए, लेकिन वह मुझे कठिन गाने देती थीं।” आशा जी ने भी एक रियलिटी शो में स्वीकार किया था कि उन्हें लता जी के मुकाबले ज्यादा कठिन गाने मिले थे, जो उनके पति और प्रसिद्ध संगीतकार आरडी बर्मन ने दिए थे।
लता जी, जिनका 92 वर्ष की आयु में 6 फरवरी 2022 को निधन हो गया, को उनके योगदान के लिए “क्वीन ऑफ मेलोडी”, “वॉइस ऑफ मिलेनियम”, और “भारत की स्वर कोकिला” जैसे सम्मानित उपनामों से जाना जाता है।