पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान, जो बॉलीवुड में अपनी वापसी को लेकर चर्चा में थे, अब एक नए विवाद का हिस्सा बन गए हैं। वह आठ साल बाद फिल्म ‘अबीर गुलाल’ से बॉलीवुड में वापसी कर रहे थे, जिसके लिए उन्हें 10 करोड़ रुपये की भारी फीस दी गई थी। हालांकि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद फिल्म को भारत में बैन कर दिया गया और इसके गाने भी यूट्यूब से हटा दिए गए। अब, FWICE (फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्प्लॉइज) ने भारत में काम करने वाले सभी पाकिस्तानी कलाकारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है और यह चेतावनी दी है कि अगर कोई भारतीय कलाकार पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करेगा, तो उस पर देशद्रोह का मुकदमा दायर किया जाएगा।
यह कदम फवाद खान और अन्य पाकिस्तानी कलाकारों के लिए एक बड़ा झटका है। पहले से ही मुम्बई नवनिर्माण सेना (MNS) ने ‘अबीर गुलाल’ के रिलीज होने का विरोध किया था और अब पहलगाम हमले के बाद फिल्म को देशभर में बैन कर दिया गया है। इस बीच, रिपोर्ट्स के मुताबिक, फवाद खान को ‘अबीर गुलाल’ के लिए 10 करोड़ रुपये की मोटी फीस मिली थी, जो पाकिस्तान में उनकी सामान्य फीस से कहीं अधिक है। पाकिस्तान में वह किसी फिल्म के लिए 2 करोड़ रुपये और टीवी शो के लिए 15-20 लाख रुपये ही लेते हैं।
भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए इस कड़े कदम के बाद FWICE के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने पाकिस्तानी कलाकारों के काम पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर किसी भारतीय कलाकार को पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करते हुए पाया गया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय को एक अधिसूचना जारी करने के लिए लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे मामलों में देशद्रोह का मुकदमा दायर किया जाए, ताकि कोई भी आगे से ऐसे कदम उठाने से पहले हजार बार सोचे।