सत्तर और अस्सी के दशक में धर्मेंद्र का बॉलीवुड में जबरदस्त दबदबा था। उस दौर में उनकी मौजूदगी ही फिल्म को हिट बनाने के लिए काफी मानी जाती थी। इसी दौरान 1987 में उनकी फिल्म आग ही आग सुपरहिट हुई। इस फिल्म की सफलता के बाद निर्देशक शिबू मित्रा ने एक नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया और फिर से धर्मेंद्र को कास्ट करना चाहा। लेकिन धर्मेंद्र ने न सिर्फ फिल्म करने से इनकार कर दिया, बल्कि एक ऐसी शर्त रख दी जिसने सबको चौंका दिया। शुरुआत में शिबू मित्रा निराश हुए, लेकिन बाद में यही शर्त उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुई।
धर्मेंद्र की खास शर्तें
डायरेक्टर शिबू मित्रा और प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी ने धर्मेंद्र को अपनी अगली फिल्म का ऑफर दिया था। लेकिन धर्मेंद्र ने कह दिया कि उनके पास इससे बेहतर ऑफर हैं, और फिल्म करने में वो दिलचस्पी नहीं रखते। इसके बजाय उन्होंने दो शर्तें रखीं—
पहली शर्त थी कि फिल्म में उनके बजाय उनके बेटे सनी देओल को कास्ट किया जाए।
दूसरी शर्त ये थी कि अगर निर्देशक उनकी ये बात मान लेते हैं, तो वे अगली फिल्म में आधी फीस लेकर काम करने को तैयार होंगे।
पहले तो शिबू मित्रा को यह सुनकर निराशा हुई, लेकिन जब उन्होंने संभावनाएं देखीं, तो वो इस डील से बेहद खुश हो गए।
ये फिल्म थी पाप की दुनिया
जिस फिल्म की बात हो रही थी, उसका नाम था पाप की दुनिया। यह 1977 में आई हिट फिल्म परवरिश की रीमेक थी। इसमें सनी देओल के साथ प्राण, नीलम कोठारी, चंकी पांडे और डैनी भी नजर आए थे। खास बात यह है कि डायरेक्टर ने धर्मेंद्र को परवरिश में प्राण वाला किरदार ऑफर किया था। फिल्म करीब 2.40 करोड़ की लागत में बनी और 1988 में 9 करोड़ का कलेक्शन करके साल की तीसरी सबसे बड़ी हिट बन गई।
यानी अगर धर्मेंद्र ने ये शर्त न रखी होती, तो शायद सनी देओल को ये बड़ा ब्रेक न मिलता—और बॉलीवुड का एक सुपरस्टार बनने की कहानी शुरू ही न होती।