हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित फिल्म “शोले” के हर एक किरदार ने सिनेमाई इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। गब्बर से लेकर ठाकुर, जय-वीरू, बसंती-राधा और सांभा-कालिया तक, इन किरदारों ने दर्शकों के दिलों में अपनी विशेष जगह बनाई। इनमें से एक प्रसिद्ध किरदार था सांभा, जिसे निभाया था एक्टर मैक मोहन ने। फिल्म में गब्बर द्वारा पूछा गया “अरे ओ सांभा, कितने आदमी थे?” और उनका जवाब “सरदार दो” आज भी दर्शकों की जुबां पर चढ़ा हुआ है। हालांकि मैक मोहन अब हमारे बीच नहीं हैं, उनका यह डायलॉग हमेशा के लिए यादगार बन चुका है। 24 अप्रैल को मैक की बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर हम उनकी बेटी मंजरी माकिजानी के बारे में भी बात करेंगे, जो एक्टिंग की दुनिया से दूर रहते हुए अपने क्षेत्र में एक नाम कमा रही हैं।
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सांभा की बेटी का अनोखा रिकॉर्ड मैक मोहन की दो बेटियां, मंजरी और विनती, खूबसूरती में किसी बॉलीवुड एक्ट्रेस से कम नहीं हैं। हालांकि, दोनों ने एक्टिंग की दुनिया को नहीं चुना। मंजरी माकिजानी लॉस एंजिल्स में रहती हैं और एक राइटर तथा डायरेक्टर के रूप में काम कर रही हैं। मंजरी ने न केवल बॉलीवुड, बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई है। वह विशाल भारद्वाज और ओपेनहाइमर के डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन के साथ भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने कई शॉर्ट फिल्में डायरेक्ट की हैं और 2016 में एएफआई कंजरेवटरी की महिलाओं के डायरेक्टिंग वर्कशॉप के लिए चयनित आठ महिलाओं में से एक थीं। वह इस वर्कशॉप में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय हैं।
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कांस में भी मंजरी का जलवा मंजरी माकिजानी ने अंतरराष्ट्रीय कांस फिल्म फेस्टिवल में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। 2014 में उनकी शॉर्ट फिल्म द कॉर्नर टेबल को कांस के इमर्जिंग फिल्ममेकर्स शोकेस कैटेगरी में चुना गया था, जहां वह चुनी जाने वाली एकमात्र भारतीय फिल्ममेकर थीं। इसके अलावा, उन्होंने बॉलीवुड में सात खून माफ और वेक अप सिड जैसी फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया है। मंजरी अपने पिता द्वारा खोले गए “मैक प्रोडक्शंस हाउस” को संभाल रही हैं। वहीं, उनकी बहन विनती एक प्रोड्यूसर, राइटर, प्रोडक्शन डिजाइनर और आर्टिस्ट डायरेक्टर के रूप में भी काम करती हैं। वह द मैक स्टेज कंपनी और लिविंग ग्रेस फाउंडेशन की फाउंडर भी हैं।