मुंबई। कभी मनोज बाजपेयी से प्रेरित होकर बॉलीवुड में कदम रखने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी आज खुद लाखों लोगों की इंस्पिरेशन बन चुके हैं। बिहार से बॉलीवुड तक का सफर तय करने वाले पंकज त्रिपाठी इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं कि अगर सपने पूरे करने की हिम्मत हो तो उन्हें पंख मिल ही जाते हैं।
पंकज त्रिपाठी के बॉलीवुड में कदम रखने के संघर्ष के बारे में हमने कई बार सुना है, लेकिन क्या आपको पता है कि ‘तिवारी’ से वह ‘त्रिपाठी’ कैसे बने। उन्होंने इंडस्ट्री में आने पर अपना सरनेम नहीं बदला है, बल्कि बोर्ड के एग्जाम में ही अपने सरनेम के साथ-साथ अपने पिता का लास्ट नेम भी बदल दिया था। स्त्री 2 (Stree 2) एक्टर ने ऐसा क्यों किया था, इसका खुलासा खुद उन्होंने किया।
बाबूजी का छोड़कर क्यों अपनाया चाचा का सरनेम?
बिहार के गोपालगंज से आने वाले पंकज कभी अपने नाम के आगे उपनाम त्रिपाठी नहीं, तिवारी लिखा करते थे। दोनों ही उपनाम ब्राह्मण समुदाय से जुड़े एक ही वर्ग के लिए लिखे जाते हैं। फिर भी पंकज के तिवारी से त्रिपाठी लिखने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। इस बारे में उन्होंने हाल ही में बताया,