बॉलीवुड की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक, रानी मुखर्जी, अपनी शानदार ऑन-स्क्रीन प्रेजेंस के लिए जानी जाती हैं। मुखर्जी-समर्थ परिवार में जन्मी रानी ने 1996 में बंगाली फिल्म बियेर फूल से डेब्यू किया और उसी साल बॉलीवुड में राजा की आएगी बारात से कदम रखा। तीन दशक के लंबे करियर में उन्होंने कुछ कुछ होता है, चलते चलते, पहेली, वीर जारा, हम तुम जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया।
रानी की निजी जिंदगी तब चर्चा में आई जब उन्होंने 2014 में वाईआरएफ बैनर के मालिक आदित्य चोपड़ा से गुपचुप शादी कर ली। 2015 में इस कपल ने अपनी बेटी आदिरा का स्वागत किया। हालांकि, उनके रिश्ते की राह आसान नहीं थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आदित्य के माता-पिता, यश और पामेला चोपड़ा, इस रिश्ते से खुश नहीं थे। आदित्य ने अपनी पहली पत्नी पायल चोपड़ा से तलाक लेने के बाद रानी को डेट करना शुरू किया, जिससे रानी पर उनके तलाक की वजह बनने के आरोप लगे और उन्हें ‘घर तोड़ने वाली’ कहा गया।
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मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, यश चोपड़ा ने आदित्य को घर छोड़ने के लिए कहा, जिसके बाद आदित्य कुछ समय के लिए होटल में रहे। लेकिन पामेला चोपड़ा अपने बेटे से दूर नहीं रह सकीं और आखिरकार उन्होंने रानी को बहू के रूप में स्वीकार कर लिया। परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, पामेला ने अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए यह फैसला किया, भले ही वह रानी को पसंद नहीं करती थीं।
रानी मुखर्जी और आदित्य चोपड़ा की प्रेम कहानी
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की सफलता के बाद आदित्य चोपड़ा एक स्वतंत्र निर्देशक के रूप में मशहूर हो गए थे। रानी से उनकी पहली मुलाकात मुंबई के एक होटल में हुई थी, जहां आदित्य ने नोटिस किया कि रानी ने कभी उनसे रोल के लिए संपर्क नहीं किया। इससे प्रभावित होकर उन्होंने करण जौहर को कुछ कुछ होता है के लिए रानी की सिफारिश की।
रानी और आदित्य के बीच पहली नजर में प्यार नहीं हुआ था। दोनों का रिश्ता दोस्ती से शुरू हुआ और समय के साथ गहरा होता गया। जब 2009 में आदित्य अपनी पहली पत्नी पायल खन्ना से अलग हुए, तब रानी भी अपनी निजी जिंदगी में कठिन दौर से गुजर रही थीं। दोनों ने एक-दूसरे में सुकून पाया और आखिरकार हमेशा के लिए एक-दूजे के हो गए।