हिंदी सिनेमा के मशहूर और हैंडसम अभिनेता बिश्वजीत चटर्जी ने बंगाली फिल्म इंडस्ट्री से बॉलीवुड में कदम रखा था। 1962 में आई थ्रिलर-मिस्ट्री फिल्म बीस साल बाद उनकी पहली हिंदी फिल्म थी। बिश्वजीत न सिर्फ शानदार अभिनेता थे, बल्कि उनकी चॉकलेट बॉय पर्सनैलिटी के भी लाखों दीवाने थे। अपनी डेब्यू फिल्म से ही वे हिट हो गए और कई लड़कियां उनकी दिलकश अदाओं पर फिदा हो गईं। बिश्वजीत तेजी से स्टारडम की ऊंचाइयों पर पहुंचे, लेकिन एक गलत फैसले ने उनके पूरे करियर को बर्बाद कर दिया।
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‘किंग ऑफ रोमांस’ के नाम से थे मशहूर
बिश्वजीत ने कोहरा, अप्रैल फूल, मेरे सनम, नाइट इन लंदन, दो कलियां और किस्मत जैसी सुपरहिट फिल्में दीं। उनकी जोड़ी बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्रियों आशा पारेख, वहीदा रहमान, मुमताज, माला सिन्हा और राजश्री के साथ खूब पसंद की गई। अपनी रोमांटिक इमेज के कारण वे पुराने जमाने के ‘किंग ऑफ रोमांस’ के नाम से मशहूर हो गए। बंगाली फिल्मों से शुरुआत करने के बाद बिश्वजीत ने हिंदी सिनेमा में भी अपनी अलग पहचान बना ली थी, हालांकि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वे अभिनेता बनें।
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इस गलती ने डुबो दिया करियर
अपने करियर के पीक पर रहते हुए बिश्वजीत लगातार हिट फिल्में दे रहे थे, और उनके गाने आज भी लोग पसंद करते हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी ने उन्हें फिल्म प्रोड्यूसर बनने की सलाह दी, और उन्होंने निर्देशन व प्रोडक्शन में हाथ आजमाने का फैसला कर लिया। उन्होंने फिल्म ‘कहते हैं मुझको राजा’ प्रोड्यूस और डायरेक्ट की, लेकिन यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई। इस नाकामी ने उनका पूरा स्टारडम छीन लिया और उनकी मेहनत से कमाया हुआ सारा पैसा डूब गया। जब तक वे दोबारा अभिनय की ओर लौटते, तब तक उनकी लोकप्रियता फीकी पड़ चुकी थी। हालांकि, उनके सदाबहार गाने ‘तुम्हारी नजर क्यों खफा हो गई’, ‘पुकारता चला हूं मैं’, ‘कजरा मोहब्बत वाला’ और ‘कहीं दीप जले कहीं दिल’ आज भी संगीत प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
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