फिल्म “अमीना” ने भारतीय सिनेमा में नया इतिहास रचा है, यह सवाल खड़ा करते हुए कि क्या बिना बड़े बजट के भी कला की ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। इसने साबित किया कि छोटी बजट वाली फिल्में, जो ज्वलंत सामाजिक मुद्दों को उठाती हैं, न केवल दर्शकों को झकझोर सकती हैं, बल्कि कलाकारों की रचनात्मकता की प्यास भी बुझा सकती हैं। ‘अमीना’ 50 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चलने वाली पहली महिला-केंद्रित फिल्म बनकर इतिहास में दर्ज हुई है।
कुमार राज द्वारा निर्देशित फिल्म ने 35 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए भारतीय सिनेमा में नया मुकाम हासिल किया है। यह फिल्म लगातार 50 हफ्तों तक सिनेमाघरों में धूम मचाती रही, और फिल्म की टीम को मुंबई के पीवीआर सिटी मॉल में आयोजित ‘गोल्डन जुबली सप्ताह’ के दौरान 6 सोने के सिक्कों से सम्मानित किया गया।
अमीना फिल्म ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तहलका मचाया है। इसकी शूटिंग फ्रांस, अफ्रीका, अमेरिका और भारत के विभिन्न लोकेशनों पर हुई, और इसे यूएस और यूके जैसे देशों में सराहा गया, हालांकि इसे यूएई और सऊदी अरब में बैन कर दिया गया। रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा वितरित इस फिल्म को निर्देशक कुमार राज को कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 में सम्मानित किया जाएगा। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री लता हया ने बताया कि यह जल्द ही तमिल, तेलुगु और अन्य भाषाओं में भी रिलीज होगी, और थिएटर में इसकी सफलता को देखते हुए डिजिटल रिलीज को स्थगित कर दिया गया है।
फिल्म की कहानी में रेखा राणा ने मीना और अमीना नाम की दो लड़कियों का किरदार निभाया है। मीना एक थिएटर कलाकार है जो नाटक में अमीना का किरदार निभा रही है। मीना की जिंदगी में कुछ ऐसा घटता है कि वह असल जिंदगी में भी नाटक की अमीना जैसी बन जाती है। फिल्म में मीना बलात्कारियों से बदला लेती है, जबकि नाटक की अमीना आत्महत्या कर लेती है। यह फिल्म निर्भया केस की याद दिलाते हुए जुवेनाइल अपराधियों को सामान्य अपराधियों की तरह सजा दिलाने की आवश्यकता को दर्शाती है, साथ ही प्रभावशाली व्यक्तियों की पकड़ को भी उजागर करती है।
सीनियर अभिनेत्री लता हया ने फिल्म के बारे में कहा कि ‘अमीना’ में काम करने का अनुभव बहुत अच्छा था। फिल्म का माहौल सेट पर घर जैसा था, और यह फिल्म महिलाओं के मुद्दों को बिना बाजार के दबाव के समाज की जिम्मेदारी के रूप में उठाती है। लता ने बताया कि फिल्म में नाटक और फिल्म दोनों की मिश्रण दिखाया गया है, जो कि भारत में पहली बार हुआ है।
रेखा राणा के साथ काम करने के बारे में लता ने कहा कि रेखा बहुत मेहनती कलाकार हैं और उन्हें संवाद याद करने में कोई मुश्किल नहीं होती। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए लता ने सुझाव दिया कि बच्चियों को बचपन से ही ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, ताकि वे मानसिक तौर पर मजबूत हों और खुद को बचा सकें।
अंत में लता ने यह भी कहा कि ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर लगातार बात करनी चाहिए, चाहे वह शॉर्ट फिल्म हो, डॉक्यूमेंट्री हो या बड़ी फिल्म, ताकि समाज के लोगों को सचेत किया जा सके और वे अपने आसपास हो रही गलत घटनाओं को रोकने में सक्षम हो सकें।