फिल्म निर्देशक, अभिनेता और बेहतरीन पटकथा लेखक कमाल अमरोही अपनी शानदार फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। वह हिंदी सिनेमा को पाकीजा, महल और रजिया सुल्तान जैसी क्लासिक फिल्में देने के लिए मशहूर हैं। मुगल-ए-आज़म के संवाद भी उन्होंने ही लिखे थे। लाहौर से मुंबई आए कमाल अमरोही की फिल्म महल से ही लता मंगेशकर और मधुबाला को पहचान मिली थी। इस फिल्म की जबरदस्त सफलता ने उन्हें स्टार बना दिया। इसी स्टार पर जब दिग्गज अदाकारा मीना कुमारी की नजर पड़ी, तो वह उनकी दीवानी हो गईं। पहली मुलाकात में ही दोनों एक-दूसरे को बस देखते ही रह गए। आइए जानते हैं, मीना कुमारी और कमाल अमरोही की प्रेम कहानी और उनकी शादी की दास्तान।
जब पहली बार मीना कुमारी ने देखा कमाल अमरोही
मीना कुमारी ने सबसे पहले कमाल अमरोही की तस्वीर अखबार में देखी थी, जो महल की सफलता के बाद छपी थी। उन दिनों कमाल अमरोही को कई बड़ी फिल्मों के ऑफर मिल रहे थे और कहा जा रहा था कि उन्हें फिल्में बनाने के लिए लाखों रुपये ऑफर किए जा रहे थे। इस बीच, मीना कुमारी को उनसे गहरा लगाव महसूस होने लगा, हालांकि कमाल अमरोही पर मधुबाला भी फिदा थीं। मगर कमाल को मधुबाला में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उन्होंने मीना कुमारी को अनारकली फिल्म के लिए साइन किया, लेकिन बजट की कमी के कारण फिल्म बन नहीं सकी।
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कैसे शुरू हुआ दोनों का प्यार?
इसी दौरान मीना कुमारी एक सड़क हादसे का शिकार हो गईं और पुणे के अस्पताल में भर्ती हुईं। कमाल अमरोही पहली बार उन्हें अस्पताल में देखने गए और देखते ही खो गए। इसके बाद वे हर हफ्ते मुंबई से पुणे सिर्फ मीना से मिलने जाते। यहीं से दोनों के बीच खतों का सिलसिला शुरू हुआ। लेखक विनोद मेहता ने अपनी किताब में बताया कि 31 साल के कमाल अमरोही 18 साल की मीना कुमारी को लग्जरी कार में बैठकर पत्र देने जाया करते थे।
कैसे और कहां हुई थी शादी?
मीना कुमारी के पिता उनकी कम उम्र और कमाल अमरोही की पिछली शादी के कारण इस रिश्ते के खिलाफ थे। कमाल पहले से शादीशुदा थे और तीन बच्चों के पिता भी थे। लेकिन मीना और कमाल एक-दूसरे के प्यार में इस कदर डूब चुके थे कि अलग रहना उनके लिए नामुमकिन हो गया था। आखिरकार, 14 फरवरी 1952 को दोनों ने शादी कर ली। मीना कुमारी एक्सीडेंट के बाद रोजाना मॉडर्न रोड स्थित एक मसाज पार्लर जाती थीं, जहां उनके पिता उन्हें दो घंटे के लिए छोड़कर चले जाते थे। इसी दौरान मीना अपनी बहन और कमाल अमरोही के साथ काजी के पास गईं और सुन्नी-शिया रीति-रिवाज से उनका निकाह हुआ।
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जब प्यार के बीच आ गया अहम
शादी के एक साल बाद मीना कुमारी सैकड़ों साड़ियां लेकर अपने पिता का घर छोड़कर कमाल अमरोही के घर पहुंच गईं। शादी के बाद वह बड़ी स्टार बन गईं, लेकिन कमाल अमरोही को यह पसंद नहीं था कि लोग उन्हें “मीना कुमारी के पति” के तौर पर पहचानें। इसी अहंकार की वजह से दोनों के रिश्ते में खटास आने लगी।
कमाल अमरोही ने पाकीजा में मीना कुमारी की जोड़ी अभिनेता राजकुमार के साथ बनाई। लेकिन 1964 में दोनों अलग हो गए, जिससे फिल्म भी अधूरी रह गई। 1968 में पाकीजा दोबारा शुरू हुई, लेकिन तब तक मीना कुमारी लीवर की गंभीर बीमारी से जूझने लगी थीं। फरवरी 1972 में फिल्म रिलीज हुई, लेकिन ज्यादा नहीं चली। मार्च 1972 में मीना कुमारी का निधन हो गया, और उनकी मौत के बाद फिल्म पाकीजा सुपरहिट हो गई।