फिल्ममेकर अयान मुखर्जी के पिता और दिग्गज अभिनेता देब मुखर्जी का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से अस्वस्थ रहने के बाद उन्होंने सुबह 9:30 बजे अंतिम सांस ली। शाम 4 बजे मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां आलिया भट्ट, शाहीन भट्ट, अनिल कपूर, करण जौहर और सलीम खान सहित कई सेलेब्स पहुंचे।
हालांकि, ऋतिक रोशन ने सबसे अधिक ध्यान खींचा क्योंकि वह पैर में चोट के बावजूद अंतिम संस्कार में पहुंचे। ‘वॉर’ अभिनेता को बैसाखी के सहारे चलते देखा गया, जिससे उनके फैंस हैरान रह गए। उनकी उपस्थिति ने देब मुखर्जी के साथ उनके गहरे संबंध को दर्शाया।
Fanwar aside, get well soon champ! Can’t wait to see that dance battle with NTR🔥 #HrithikRoshan pic.twitter.com/K881AtCieD
— Cinegeek (@Cinegeek_RKF) March 14, 2025
22 नवंबर 1941 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे देब मुखर्जी एक प्रतिष्ठित फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता शशधर मुखर्जी जाने-माने फिल्म निर्माता थे, जिन्होंने 1930 के दशक में ‘बॉम्बे टॉकीज’ से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में 1943 में फिल्मिस्तान स्टूडियो की सह-स्थापना की। 1950 के दशक में उन्होंने फिल्मालय की स्थापना की। उनकी मां सतीदेवी, महान अभिनेता अशोक कुमार, अनूप कुमार और किशोर कुमार की बहन थीं।
देब मुखर्जी के परिवार में कई नामी हस्तियां रहीं, जिनमें उनके भाई जॉय मुखर्जी, शोमू मुखर्जी, रोनो मुखर्जी, सुब्बीर मुखर्जी और शिबानी मौलिक मुखर्जी शामिल हैं। उन्होंने ‘जो जीता वही सिकंदर’, ‘अभिनेत्री’, ‘एक बार मुस्कुरा दो’, ‘आंसू बन गए फूल’, ‘किंग अंकल’, ‘कमीने’ और ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ जैसी फिल्मों में काम कर भारतीय सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी।
देब मुखर्जी ने दो शादियां की थीं। उनकी पहली शादी से उनकी बेटी सुनीता हैं, जो फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर की पत्नी हैं। दूसरी शादी अमृत मुखर्जी से हुई, जिनसे उनके बेटे अयान मुखर्जी का जन्म हुआ। अयान ने ‘वेक अप सिड’, ‘ये जवानी है दीवानी’ और ‘ब्रह्मास्त्र’ जैसी सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन किया।
देब मुखर्जी का निधन भारतीय सिनेमा के एक युग के अंत का प्रतीक है। हालांकि, उनका योगदान और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।