कभी-कभी जिंदगी में रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है, जहां कई लोग हार मान लेते हैं, वहीं कुछ आगे बढ़ने की ठान लेते हैं—और यही लोग सफलता की कहानी लिखते हैं। बॉलीवुड में कदम रखने के बाद एक्टर शाहिद कपूर ने भी ऐसा ही किया। शुरुआत में उन्हें लगातार 100 से ज्यादा ऑडिशन में रिजेक्शन झेलना पड़ा। जब कुछ फिल्मों में मौका मिला, तब भी बॉक्स ऑफिस पर वह खास कमाल नहीं दिखा सके। लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने मेहनत जारी रखी और आज वह इंडस्ट्री के सबसे सफल सितारों में से एक हैं।
यह कहानी है विवाह के प्रेम, जब वी मेट के आदित्य और उड़ता पंजाब के टॉमी सिंह की—जी हां, हम बात कर रहे हैं शाहिद कपूर की। हालांकि, इंडस्ट्री में उनके शुरुआती दिन संघर्ष से भरे थे। उन्हें शिखर, वाह! लाइफ हो तो ऐसी और दीवाने हुए पागल जैसी फिल्में मिलीं, लेकिन ये बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। साल 2006 में विवाह जैसी सुपरहिट फिल्म करने के बावजूद वह छह महीने तक बिना काम के थे। डायरेक्टर्स को समझ नहीं आ रहा था कि वह किस तरह के किरदारों में फिट होंगे।
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हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में शाहिद ने अपने संघर्ष भरे दिनों को याद करते हुए कहा, “लोग सोचते थे कि पंकज कपूर का बेटा हूं, तो आसानी से ब्रेक मिल जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि मैं भी 100 से ज्यादा ऑडिशन में रिजेक्ट हुआ था। कई बार मेरे पास खाने तक के पैसे नहीं होते थे।”
शाहिद ने जब वी मेट, चुप चुप के, विवाह, फटा पोस्टर निकला हीरो और कबीर सिंह जैसी शानदार फिल्में दी हैं, जो उनके करियर की पहचान बनीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज उनकी नेट वर्थ करीब 300 करोड़ रुपये है। हाल ही में वह रोमांटिक कॉमेडी तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया और एक्शन थ्रिलर देवा में नजर आए थे।