बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान औपनिवेशिक भारत के समय के एक स्वतंत्रता सेनानी थे। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि मीर ताज ने 1957 में गुड़गांव से चुनाव लड़ा था और उन्हें एक भी वोट नहीं मिला था? इसका कारण यह था कि उस समय लोग केवल कांग्रेस के अबुल कलाम आज़ाद को वोट देते थे, जो आमिर खान के परदादा थे। 1952 में गुड़गांव में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था, और 1957 में दूसरा लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के अबुल कलाम आज़ाद को 1,91,221 वोट मिले थे। चुनाव का सबसे दिलचस्प पहलू यह था कि ताज मोहम्मद खान को एक भी वोट नहीं मिला, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था। शाहरुख और आमिर के बीच पीढ़ियों से प्रतिद्वंद्विता रही है।
पॉप कल्चर और फिल्म से जुड़ी एक सोशल मीडिया अकाउंट, पॉप बेस ऑन एक्स ने एक पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, “अपने पसंदीदा सेलिब्रिटी फैक्ट का नाम बताएं।” एक यूजर ने टिप्पणी की, “शाहरुख खान के पिता ने 1957 में आमिर खान के परदादा अबुल कलाम आज़ाद के खिलाफ गुड़गांव से लोकसभा चुनाव लड़ा था।”
रेडिट पर एक यूजर ने लिखा, “दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता उनके जन्म से पहले से ही थी, अब मुझे पता है कि दोनों एक-दूसरे को क्यों पसंद नहीं करते।” एक अन्य ने लिखा, “उनके दादा मैंगलोर बंदरगाह के मुख्य अभियंता थे। उनकी मां एक मजिस्ट्रेट थीं। शाहरुख की मां और रुखसाना सुल्ताना दोस्त थीं। मुझे पता है कि उस समय वह अपने धारावाहिकों के कारण घर-घर में मशहूर थे। तीसरी पीढ़ी के नेपो अभिनेता ऋषि कपूर शाहरुख की पहली फिल्म में सेकेंड लीड थे। इसका मतलब है कि उनकी पहले से ही एक प्रभावशाली पृष्ठभूमि थी।” एक यूजर ने यह भी लिखा, “SRK को विशेषाधिकार प्राप्त था, सहानुभूति के लिए फर्जी PR स्टोरी।”
एक व्यक्ति ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “वह गरीब नहीं थे। एक व्यक्ति जो फर्जी PR कहानी बुन रहा है, वह कभी यह नहीं बताएगा कि ‘वह अपनी मां को काम के लिए फ्लाइट में यात्रा करते हुए देखता था और सपने देखता था कि वह भी एक दिन विदेश जाना चाहता है।’ उसने हमेशा अपने पिता को ‘सबसे सफल असफल’ कहा है, जो उनके व्यवसाय और अन्य क्षेत्रों में असफल उपक्रमों का जिक्र करते हुए कहते थे कि उन्होंने बहुत सारा पैसा गंवाया और संघर्ष किया। वह हमेशा उन कई थिएटर कलाकारों का नाम लेते थे, जिनके साथ उन्होंने बड़े होते हुए समय बिताया। उनके पिता NDA दिल्ली में एक कैंटीन चलाते थे।”
बता दें कि आमिर के अंकल, अबुल कलाम आज़ाद, एक प्रमुख मुस्लिम विद्वान और वरिष्ठ राजनीतिक सदस्य थे। आमिर मौलाना अबुल कलाम के पोते हैं, और उनकी दादी आज़ाद की भतीजी थीं।