भानुरेखा गणेशन उर्फ़ रेखा बॉलीवुड की बेहतरीन और सबसे प्रिय अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं। रेखा की फ़िल्मी यात्रा की शुरुआत तेलुगु फ़िल्म रंगुला रत्नम से बाल कलाकार के तौर पर हुई थी, लेकिन हिंदी सिनेमा में उनका डेब्यू 1970 में सावन भादो से हुआ। 2010 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। रेखा न केवल एक बेहतरीन अदाकारा हैं, बल्कि वह आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं। उन्होंने हर उम्र के दर्शकों को अपना दीवाना बनाया है।
हालांकि रेखा की राहें कभी आसान नहीं थीं। बॉलीवुड में उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। वह शुरुआत में एक सामान्य सी लड़की थीं, जिनका रंग थोड़ा गहरा था और उनका वजन भी ज्यादा था, जो उस समय की बॉलीवुड की अभिनेत्रियों के तय मानकों में फिट नहीं बैठता था।
मौसमी चटर्जी ने जताई थी आपत्ति
रेखा की पहली फिल्म में उनके हीरो थे नवीन निश्चल, जिन्होंने रेखा को देख उनके साथ फिल्म करने से इनकार कर दिया, हालांकि यह दोनों की ही डेब्यू फिल्म थी। इसके बाद फिल्म भोला भाला (1978) में रेखा के को-स्टार और मशहूर अभिनेत्री मौसमी चटर्जी ने भी रेखा को लेकर आपत्ति जताई। इस फिल्म में रेखा के साथ राजेश खन्ना, मौसमी चटर्जी, देवेन वर्मा और जगदीप जैसे सितारे थे। दो लीड एक्ट्रेसे वाली इस फिल्म में जब रेखा को ज्यादा महत्व दिया गया और उनका नाम मौसमी से पहले रखा गया, तो मौसमी ने मेकर्स से आग्रह किया कि उनका नाम पहले दिया जाए।
यह विवाद मीडिया में लीक हो गया, और एक इंटरव्यू में मौसमी ने कहा, “मैं नाम में नहीं, काम में विश्वास रखती हूं, लेकिन मेरा मानना है कि मेरा नाम रेखा से पहले होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा, “अगर निर्देशक इंसाफ पसंद होते तो ऐसे विवाद नहीं होते।” हालांकि, इसके बावजूद फिल्म के मेकर्स ने रेखा का नाम पहले रखा। उस समय मौसमी चटर्जी मशहूर संगीतकार हेमंत कुमार की बहू थीं।