इंडियन सिनेमा की पहली ‘जुबली गर्ल’ मुमताज शांति (Mumtaz Shanti) के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। मुमताज शांति 40 के दशक में पंजाबी सिनेमा की सुपरस्टार रही थीं और बॉलीवुड में आते ही अपनी शानदार एक्टिंग से चारों ओर तहलका मचा दिया था। लेकिन भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान चली गईं। उन्हें ‘जुबली गर्ल’ इसलिए कहा जाता था क्योंकि उनकी ज्यादातर फिल्में थिएटर में 76 हफ्ते और 3-3 साल तक चलती थीं। मुमताज शांति की एक फिल्म का रिकॉर्ड 80 साल बाद टूटा था, जो आज भी इतिहास में दर्ज है।
पंजाबी फिल्मों से शुरुआत
मुमताज शांति का जन्म 28 मई 1929 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के गुजरात जिले में एक पंजाबी-मुस्लिम परिवार में हुआ था। बचपन में ही अपनी मां को खोने के बाद, मुमताज शांति का पालन-पोषण उनकी आंटी ने किया। उनके अंकल ने मुमताज शांति के अंदर के टैलेंट को पहचाना और उन्हें सिनेमा की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रोत्साहित किया। 1937 में मुमताज शांति ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और पंजाबी फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की। उनकी फिल्म सोहनी कुमारन को खूब सराहा गया और इसके बाद 1942 में आई फिल्म मंगती, जो एक डायमंड-जुबली हिट रही, ने उन्हें पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की सुपरस्टार बना दिया।
बॉलीवुड में डेब्यू
पंजाबी फिल्मों में सफलता हासिल करने के बाद, मुमताज शांति ने बॉलीवुड में कदम रखा और 1942 में फिल्म बasant से डेब्यू किया। यह फिल्म भी जुबली हिट साबित हुई और सिनेमाघरों में 76 हफ्तों तक चली। इस फिल्म में मधुबाला ने मुमताज शांति की बेटी का रोल निभाया था। बasant 2021 तक भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली 50 फिल्मों की लिस्ट में शामिल रही और 80 सालों तक इसका रिकॉर्ड कायम रहा। इसके बाद, 1943 में मुमताज शांति ने अशोक कुमार के साथ फिल्म किस्मत की, जो हिंदी सिनेमा की पहली फिल्म थी, जिसने 1 करोड़ रुपये कमाए। किस्मत तीन साल तक हिट रही और बॉक्स ऑफिस पर बड़े इतिहास रचे।
पर्सनल लाइफ और पाकिस्तान जाना
मुमताज शांति ने डायरेक्टर वाली साहब से शादी की और विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गईं। उनकी पर्सनल लाइफ में कई उतार-चढ़ाव आए, और 1977 में उनके पति का निधन हुआ, जबकि मुमताज शांति का निधन 1994 में हुआ।