एक समय था जब सुपरस्टार्स अपने बच्चों को बड़े धूमधाम से बड़े पर्दे पर लॉन्च करते थे, लेकिन अब यह ट्रेंड बदल गया है। हाल ही में आमिर खान, शाहरुख खान और सैफ अली खान जैसे दिग्गजों के बच्चे सीधे ओटीटी पर डेब्यू कर रहे हैं। इब्राहिम अली खान भी फिल्म नादानियां के साथ इस कड़ी में जुड़ गए हैं।
पहले, धर्मेंद्र ने बॉबी देओल की बरसात के लॉन्च पर भव्य पार्टी दी थी, वहीं अभिषेक बच्चन और करीना कपूर का भी बड़े पैमाने पर प्रमोशन हुआ था। लेकिन अब, स्टार किड्स के लिए ओटीटी एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म बन गया है। निर्माता पहले उन्हें ओटीटी पर आजमाते हैं और फिर थिएटर में लॉन्च करने का फैसला लेते हैं। ट्रेड विशेषज्ञ गिरीश जौहर के अनुसार, ओटीटी नए कलाकारों के लिए एक प्रैक्टिस पिच की तरह काम करता है, जहां वे ऑडियंस की प्रतिक्रिया को समझ सकते हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता क्रिटिक दीपक दुआ का मानना है कि इस बदलाव का मुख्य कारण कमजोर कंटेंट है। मेकर्स को खुद अपनी फिल्मों पर भरोसा नहीं होता, इसलिए वे थिएटर में जोखिम लेने के बजाय ओटीटी को प्राथमिकता दे रहे हैं। हाल के वर्षों में बड़े पर्दे पर डेब्यू करने वाले कई स्टार किड्स बॉक्स ऑफिस पर असफल रहे हैं, जिससे यह बदलाव और भी जरूरी लगने लगा है।
एक और बड़ा बदलाव यह भी है कि अब स्टार किड्स अपने पिता के बैनर से लॉन्च नहीं हो रहे। वे खुद को अपने टैलेंट के दम पर साबित करना चाहते हैं, जिससे नेपोटिज्म का टैग हट सके। ओटीटी और थिएटर के बीच की खाई भी अब कम हो रही है, जिससे डिजिटल प्लेटफॉर्म नए कलाकारों के लिए लॉन्चिंग पैड बनता जा रहा है।