हर्षवर्धन राणे और मावर हुसैन की ‘सनम तेरी कसम’ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ने के बेहद करीब है। इस री-रिलीज़ रोमांटिक ड्रामा ने एक नई सफलता की कहानी लिखी है। बुधवार को, री-रिलीज़ के 14वें दिन भी फिल्म ने शानदार कमाई की, हालांकि विक्की कौशल की ‘छावा’ की बम्पर कमाई के मुकाबले ‘सनम तेरी कसम’ का ग्राफ थोड़ा धीमा पड़ा है। लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा, तो यह फिल्म कुछ ही दिनों में ‘तुम्बाड’ का रिकॉर्ड तोड़ सकती है।
वैलेंटाइन वीक में, 7 फरवरी को नौ साल बाद री-रिलीज़ हुई ‘सनम तेरी कसम’ ने 13 दिनों में बॉक्स ऑफिस पर 31.52 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन किया है। Sacnilk के अनुसार, बुधवार को फिल्म ने 52 लाख रुपये की कमाई की, जबकि मंगलवार को 50 लाख रुपये की कमाई की थी।
‘तुम्बाड’ ने री-रिलीज़ पर 32 करोड़ रुपये कमाए थे, और ‘सनम तेरी कसम’ गुरुवार या शुक्रवार तक यह रिकॉर्ड तोड़ने की क्षमता रखती है। यह फिल्म अपनी सफलता के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर जब 2016 में इसकी रिलीज़ के बाद यह फ्लॉप साबित हुई थी।
अब, फिल्म के सीक्वल को लेकर निर्माता दीपक मुकुट और निर्देशक जोड़ी विनय सप्रू व राधिका राव के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। हाल ही में, डायरेक्टर जोड़ी ने एक इंटरव्यू में ‘सनम तेरी कसम 2’ बनाने की घोषणा की, लेकिन दीपक मुकुट ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि इसके राइट्स उनके पास हैं।
पिछले साल सितंबर में, दीपक मुकुट और हर्षवर्धन ने सीक्वल की घोषणा की थी, लेकिन तब किसी अन्य निर्देशक का नाम सामने नहीं आया था। हाल ही में, हर्षवर्धन ने ‘नेटवर्क 18’ से बात करते हुए कहा कि सीक्वल जरूर बनेगा, लेकिन इस पर अभी भी निर्देशक की नियुक्ति बाकी है।
हर्षवर्धन राणे ने इस बारे में कहा, “मैं एक एसोसिएशन की तलाश में हूं। इस फिल्म के सीक्वल पर काम करने की जिम्मेदारी हम सब पर है, और हम सभी इसके लिए मेहनत कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि सब कुछ सही रहेगा।”
हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि अगर उन्हें सीक्वल बनाने के लिए प्रोड्यूसर के ऑफिस के बाहर खड़ा होना पड़े, तो वह पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे इसमें कोई शर्म नहीं है। अगर मुझे तख्तियां लेकर उनके दफ्तर के बाहर खड़ा होना पड़ा, तो मैं इसे करने के लिए तैयार हूं।”
आखिरकार, हर्षवर्धन ने कहा कि सीक्वल के लिए सही डायरेक्टर का मिलना बहुत जरूरी है, क्योंकि अब फैंस की उम्मीदें काफी ज्यादा हैं। उन्होंने इसे इस तरह से समझाया, “प्रोड्यूसर एक पिता की तरह होता है जो घर का खर्च उठाता है, जबकि डायरेक्टर एक मां की तरह होता है, जिसके पास कहानी का जादू होता है।”