बॉलीवुड में कई ऐसे सितारे रहे हैं जिन्होंने अपने समय में इंडस्ट्री पर राज किया, लेकिन बाद में गुमनामी के अंधेरे में खो गए। ग्लैमर की दुनिया से गायब होने के बाद उन्हें मुश्किलें आईं, जिसमें रहने-खाने की तंगी और बुढ़ापे में इलाज के लिए पैसों की कमी भी शामिल रही। हालांकि, सिक्के के दो पहलू की तरह कुछ ऐसे सितारे भी हैं जिन्होंने लंबे समय तक ग्लैमर इंडस्ट्री से दूरी बनाई, फिर भी ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे हैं। एक ऐसा ही नाम है एक्टर और डायरेक्टर संजय खान का, जो करीब दो दशकों से पर्दे और डायरेक्शन से दूर रहने के बावजूद आरामदेह जिंदगी बिता रहे हैं और पैसों की कोई कमी नहीं है। संजय खान ने अपने बिजनेस के जरिए लग्जरी जिंदगी जी रहे हैं।
10 हजार करोड़ का बिजनेस
संजय खान का जन्म बेंगलुरु में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। अफगानी पिता और पारसी मां के पांच बच्चों में से एक, संजय का नाम पहले अब्बास अली खान था। उनके पिता एक बड़े बिजनेसमैन थे, और संजय ने भी काफी जल्दी व्यवसाय में कदम रखा। रिपोर्ट्स के अनुसार, 80 के दशक में संजय ने चावल निर्यात का कारोबार शुरू किया, जिसमें वह मध्य पूर्वी देशों को चावल निर्यात करते थे।
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1997 में उन्होंने बैंगलोर में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘पांच सितारा डीलक्स गोल्डन पाम्स होटल और स्पा’ को लॉन्च किया, जिसका डिज़ाइन उनकी पत्नी जरीन खान ने किया था। 150 कमरे वाले इस होटल पर 2010 तक संजय का मालिकाना हक था। इसके अलावा, संजय खान रियल एस्टेट में भी सक्रिय रहे हैं और उनके पास एस्सके प्रोपर्टीज नाम से एक रियल एस्टेट फर्म है। 2018 में उन्होंने 10 हजार करोड़ के लागत से एक थीम पार्क बनाने का ऐलान किया था, लेकिन कुछ विवादों के कारण यह प्रोजेक्ट बंद हो गया।
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टीवी शोज भी बना चुके हैं संजय खान
संजय खान ने बॉलीवुड में एक्टिंग के बाद टीवी की दुनिया में भी अपनी किस्मत आजमाई। उन्होंने कई टीवी शोज का निर्माण और निर्देशन किया। ‘द स्वॉर्ड ऑफ टीपू सुल्तान’ को उन्होंने न केवल निर्देशित किया, बल्कि इसमें अभिनय भी किया। यह शो उनके करियर का आखिरी बड़ा प्रोजेक्ट था, और डीडी नेशनल पर प्रसारित हुआ था। इसके अलावा, उन्होंने ‘जय हनुमान’, ‘द ग्रेट मराठा’, और ‘1857 क्रांति’ जैसे कई अन्य टीवी शोज का भी निर्देशन और निर्माण किया था।
कहलाए हनुमान भक्त
संजय खान की हनुमान भक्ति की कहानी भी काफी दिलचस्प है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वह 13 महीने तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे, तब एक हनुमान मंदिर के पुजारी ने उनके लिए प्रार्थना की थी। इसके बाद उन्होंने जयपुर के पास समोद पैलेस के हनुमान मंदिर का दौरा किया और वहां भगवान हनुमान के बारे में जाना। इस अनुभव ने उनके जीवन पर गहरी छाप छोड़ी, और इसी प्रेरणा से उन्होंने भगवान हनुमान पर आधारित एक टीवी शो ‘जय हनुमान’ बनाया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। यह शो हनुमान जी की भक्ति और उनकी कहानियों को लोगों तक पहुंचाने का एक बेहतरीन माध्यम बना।